लेखनी कहानी -04-May-2022
लिखना चाहती है हर शाम,
बिल्कुल सही सुना,
जैसे मौसम को बारिश होना,
पा
बीज को फूल होना,
आंधी को गीली मिट्टी मैं तब्दील होना,
यादो को संगीत बनना,
हसी को किसी का आयना बनना,
वैसे ही खुद को ढूंढती हैं हर शाम,
शाम ढूंढती हैं एक शांत कोना,
फिर शब्दों को भावना मैं पिरो को,
कागज पर उतर देती हैं,
लिखना चाहती हैं हर शाम,
हर शाम को चिड़ियाँ बनना पसंद हैं,
खुद मैं खेलना पसंद हैं,
हल न मिलने पर खुद से लड़ना पसद हैं,
लिखना भी दवा हैं,
दुआ के बाद ये भी दवा
Reyaan
06-May-2022 11:31 AM
👌👏🙏🏻
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Farida
05-May-2022 07:12 PM
Very nice
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Haaya meer
05-May-2022 06:34 PM
Nice
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